लेखनी प्रतियोगिता -04-Jul-2022 मेरे सपनों की उड़ान
लेखिका-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक- मेरे सपनों की उड़ान
आसमान को छू जाऊं,
चांद सूरज जैसी मैं बन जाऊं,
सूरज जैसा हो तेज ,
चांदनी जैसी शीतलता ,
सारी दुनिया मैं मेरा नाम कमाऊ,
मेरी मंजिल को मैं पूरा कर जाऊं।
थे मेरे अल्फाजों में जज्बात,
दी मैंने मेरी मंजिलों को बुनियाद,
हौसलों में थी उड़ान,
निखरे मेरी प्रतिमा,
थी मेरी ऐसी दिल की आवाज।
बनी में एक लेखिका,
हुआ मेरा नाम,
दी मैंने जज्बातों को हौसला,
हौसलों ने दी उड़ान।
हर भीड़ में हो मेरी आवाज,
कभी ना मानी हार,
संघर्षों को बनाया मैंने अपना श्रृंगार,
पाना था मुझे मुकाम।
कोहरे में भी बनाया रास्ता,
हर कांटो का किया मैंने सामना,
किया मैंने अपनी मंजिल का साकार,
सारी दुनिया में बनी मेरी पहचान,
हर कोने में सुनाई दी मेरी आहट।
दी मेरे सपनों ने मुझे आवाज,
प्रियंका हुआ आज तेरा नाम,
हुई तेरी एक नई पहचान,
मिला तेरे जज्बातों को नया आकार,
बन गई तू एक साहित्यकार।
Pallavi
05-Jul-2022 03:09 PM
बहुत खूब
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Abhinav ji
05-Jul-2022 07:38 AM
Very nice
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Swati chourasia
05-Jul-2022 06:05 AM
बहुत खूब 👌👌
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